चमत्कारी गर्म पानी कुंड - मंडला
चमत्कारी गर्म पानी कुंड - मंडला
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मंडला और जबलपुर मार्ग पर मंडला शहर से करीब 18 किलोमीटर दूर ग्राम बबेहा के पास चमत्कारी गर्म पानी का कुंड है | जिसमें साल भर गर्म पानी रहता है | यह स्थान माँ नर्मदा के समीप और बरगी डैम के बैक वाटर क्षेत्र में आता है | यह स्थान चारो तरफ पानी से घिरा एक छोटा सा मानव निर्मित टापू है और इस टापू पर गर्म पानी का कुंड है जिसमें हर मौसम में पानी गर्म रहता है कहा जाता है की इस कुंड में स्नान करने से सभी प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं |
वर्तमान में गर्म पानी कुंड की स्थिति -
वर्तमान में गर्म पानी कुंड की उंचाई बहुत अधिक है | कुंये की ऊपरी सतह से लगभग 5.5 फीट नीचे की तरफ लोहे की रॉड लगी लगाई गई है | कुंड की गहराई बहुत अधिक है इसीलिये यहाँ स्नान करते समय सावधानी रखनी चाहिये | कुंड से बहने वाला पानी पीछे की तरफ चला जाता है | कुंड के और टापू के चारो ओर लोहे की रेलिंग लगे गई है | चूँकि कुंड पवित्र नर्मदा नदी के पास है इसीलिये यहाँ समय समय पर मेला भी लगते रहते है | लोगों का कहना है की इस कुंड में नहाने से चर्म रोग ठीक होते हैं | गर्म पानी कुंड में कुंड का पानी हमेशा गर्म और इसके चारो ओर बैक वाटर का पानी ठंडा रहता है और इन दोनों जगहों के पानी का स्वाद भी अलग है |
गर्म पानी कुंड मंडला का इतिहास –
बरगी डैम के निर्माण से पहले यह स्थान जैसा आज दिखलाई देता है पहले वैसा नहीं था | पहले इस स्थान के चारो तरफ ना तो पानी था न ही कुंड की ऊंचाई इतनी अधिक थी | पहले यहाँ एक छोटा सा गर्म पानी का कुंड था जिसमें साल भर गर्म पानी निकलता रहता था | नर्मदा नदी पर बरगी डेम निर्माण के बाद यह गर्म पानी कुंड बरगी डैम के बैक वाटर में डूब गया था जो सिर्फ गर्मी में जब डैम का जलभराव कम हो जाता था तभी दिखलाई देता था | इसके पश्चात शासन और ग्रामीणों के प्रयास से इस कुंड के चारो तरफ मिट्टी का भराव कर गरमपानी कुंड के ऊपर कुंयेनुमा आकृति देकर बैक वाटर के जलस्तर के ऊपर लाया गया और इस कुंड को नवजीवन दिया गया | यह स्थान चारो तरफ़ा घने पेड़-पौधों और पानी से घिरा है |कुछ लोगों का मानना है कि इस स्थान पर भगवान् परसुराम ने तपस्या की थी | कुंड के पास एक छोटा सा मंदिर भी है | इस मंदिर में प्राचीन मूर्तियाँ भी हैं |
गर्म पानी कुंड के बारे में वैज्ञानिक तर्क –
वैज्ञानिकों का तर्क है की इस स्थान के नीचे सल्फर की चट्टानें हो सकती हैं और सल्फर की चट्टानों के कारण ही इस कुंड का पानी गर्म रहता है | और इसी सुल्फर युक्त पानी के कारण ही चर्म रोग ठीक होते हैं |
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