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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पास BA, MA, M.SC, P.H.D, L.L.D, D SC, D. Litt., Barrister-at-law समेत बत्तीस (32) डिग्रियां थीं.. और इसके अलावा वो कुल नौ भाषाओं के जानकार थे अपने तीन साल कोलंबिया प्रवास के दौरान बाबा साहेब ने उनत्तीस (29) कोर्स वाणिज्य में किये, ग्यारह (11) इतिहास में, छः (6) समाज शास्त्र में, पांच (5) दर्शन में, चार (4) मानवशास्त्र में, तीन (3) राजनीति में, एक एलिमेंट्री फ्रेंच में और एक जर्मन में ऐसे क़ाबिल इंसान ने हमारा संविधान लिखा था.. और उनकी क़ाबिलियत, इंसानियत के प्रति उनकी समझदारी और सूझबूझ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जो उन्होंने लिख दिया उसको लागू करने में न तो कभी कोई अफ़रातफ़री मची और न ही इंसानियत का कोई नुकसान हुआ.. हर एक तबके ने उनके संविधान के नीचे खड़े होकर अपने को सुरक्षित महसूस किया और उसी से भारत आज विश्व की सबसे बड़ा लोकतंत्र बन पाया.. क्यूंकि वो जानते थे कि भारत कितना विभिन्न है और कैसे सबका उन्हें ख़याल रखना है आज ये हाल है कि जिनकी डिग्रियां ग़ायब हैं उनके समर्थक अक्सर ये कहते हैं कि बाबा साहब ने कॉपी पेस्ट कर के कानून बना दिया था.. अब इन समर्...

पिता का संघर्ष

पिता का संघर्ष,,,,,,, *वो मेरे पिता थे. . . !* . . जब माँ डाँट रहीं थी , तो कोई चुपके से हँसा रहा था, वो मेरे पिता. . . थे! . . जब मैं सो रहा था तब कोई चुपके से सिर पर हाथ फिरा रहा था , वो मेरे पिता. . . थे!. . . जब मैं सुबह उठा तो कोई बहुत थककर भी काम पर जा रहा था , वो मेरे पिता. . . थे!. . . खुद कड़ी धूप में रहकर कोई मुझे ए.सी. में सुला रहा था वो मेरे पिता. . . थे!. . . सपने तो मेरे थे पर उन्हें पूरा करने का रास्ता कोई और बताऐ जा रहा था , वो मेरे पिता. . . थे!. . . मैं तो सिर्फ अपनी खुशियों में हँसता हूँ, पर मेरी हँसी देखकर कोई अपने गम भुलाऐ जा रहा था , वो मेरे पिता. . . थे!. . . . . फल खाने की ज्यादा जरूरत तो उन्हें थी, पर कोई मुझे सेब खिलाए जा रहा था , वो मेरे पिता. . . थे! . . खुश तो मुझे होना चाहिए कि वो मुझे मिले , पर मेरे जन्म लेने की खुशी कोई और मनाए जा रहा था , वो मेरे पिता. . . थे!. . . . ये दुनिया पैसों से चलती है पर कोई सिर्फ मेरे लिए पैसे कमाए जा रहा था ,. . . वो मेरे पिता. . . थे! घर में सब अपना प्यार दिखाते हैं पर कोई बिना दिखाऐ भी इतना प्यार किए जा रहा था , वो मेरे पित...