पिता का संघर्ष

पिता का संघर्ष,,,,,,,
*वो मेरे पिता थे. . . !*
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जब माँ डाँट रहीं थी ,
तो कोई चुपके से
हँसा रहा था,
वो मेरे पिता. . . थे!
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जब मैं सो रहा था तब
कोई चुपके से सिर पर
हाथ फिरा रहा था ,
वो मेरे पिता. . . थे!.
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जब मैं सुबह उठा तो कोई
बहुत थककर भी
काम पर जा रहा था ,
वो मेरे पिता. . . थे!.
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खुद कड़ी धूप में रहकर
कोई मुझे ए.सी. में
सुला रहा था
वो मेरे पिता. . . थे!.
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सपने तो मेरे थे
पर उन्हें पूरा करने का
रास्ता कोई और
बताऐ जा रहा था ,
वो मेरे पिता. . . थे!.
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मैं तो सिर्फ अपनी
खुशियों में हँसता हूँ,
पर मेरी हँसी देखकर कोई
अपने गम भुलाऐ जा रहा था ,
वो मेरे पिता. . . थे!.
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फल खाने की ज्यादा
जरूरत तो उन्हें थी,
पर कोई मुझे
सेब खिलाए जा रहा था ,
वो मेरे पिता. . . थे!
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खुश तो मुझे होना चाहिए
कि वो मुझे मिले ,
पर मेरे जन्म लेने की खुशी कोई और मनाए जा रहा था ,
वो मेरे पिता. . . थे!.
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ये दुनिया पैसों से
चलती है पर कोई
सिर्फ मेरे लिए पैसे
कमाए जा रहा था ,.
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वो मेरे पिता. . . थे!
घर में सब अपना प्यार
दिखाते हैं पर कोई
बिना दिखाऐ भी इतना
प्यार किए जा रहा था ,
वो मेरे पिता. . . थे!.
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पेड़ तो अपना फल खा नही
सकते इसलिए हमें देते हैं,
पर कोई अपना पेट खाली रखकर भी मेरा पेट भरे जा रहा था ,
वो मेरे पिता. . . थे!.
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मैं तो नौकरी के लिए घर से बाहर जाने पर दुखी था पर
मुझसे भी अधिक आंसू कोई
और बहाए जा रहा था ,
वो मेरे पिता. . . थे!
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आज बाबूजी होते तो 90 वर्ष के हो चुके होते.. उन्हें सादर नमन ..

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