शंख और ऑक्सीजन

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🏵️ शंख बजाने के हैं अद्भुत फायदे 👇🏼
    भारतीय परिवारों में और मंदिरो में सुबह और शाम शंख बजाने का प्रचलन है। अगर हम रोजाना शंख बजाते है, तो इससे हमें काफी लाभ हो सकता है।
💢 रोजाना शंख बजाने से  *गुदाशय की मांसपेशियां* मजबूत बनती हैं। शंख बजाना *मूत्रमार्ग, मूत्राशय, निचले पेट, डायाफ्राम, छाती और गर्दन की मांसपेशियों* के लिए काफी बेहतर साबित होता है। शंख बजाने से इन अंगों का व्यायाम हो जाता है।
💢शंख बजाने से *श्वांस लेने की क्षमता* में सुधार होता है। इससे हमारी *थायरॉयड ग्रंथियों और स्वरयंत्र* का व्यायाम होता है और बोलने से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है।
💢 शंख बजाने से *झुर्रियों* की परेशानी भी कम हो सकती है। जब हम शंख बजाते हैं, तो हमारे चेहरे की मांसपेशियां में खिंचाव आता है, जिससे झुर्रियां घटती हैं।
💢 शंख में 💯% कैल्शियम होता है। रात को शंख में पानी भरकर रखें और सुबह उसे अपनी त्वचा पर मालिश करें। इससे त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाएंगे।
💢शंख बजने से *तनाव* भी दूर हो जाते है, जो लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं, उनको शंख जरुर बजाना चाहिए। क्योंकि शंख बजाते समय दिमाग से सारे विकार चले जाते है। शंख बजाने से घर के अंदर आने वाली *नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती है।* जिन घरों में शंख बताया जाता है, वहां कभी नकारात्मकता नहीं आती है।
💢शंख बजाने से *दिल के दौरे* से भी बच सकते है। नियमित रूप से शंख बजाने वाले को कभी *हार्ट अटैक नहीं आती है।* शंख बजाने से सारे *ब्लॉकेज खुल जाते हैं।* इसी तरह बार-बार सांस भरकर छोडऩे से *फेंफड़े भी स्वस्थ्य रहते हैं।* शंख बजाने से योग की तीन क्रियाएं एक साथ होती है – *कुम्भक, रेचक, प्राणायाम।*
💢 शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना समान है नासा के अनुसार – शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है जो जीवाणु का नाश कर लोगो को ऊर्जा व शक्ति का संचार करता है।
💢 फेफड़ों के रोग करें खत्म : शंख बजाने से *चेहरे, श्वसन प्रणाली, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों* की बहुत बढिय़ा एक्सरसाइज होती है। जिन लोगों को सांस संबधी समस्याएं है, उन्हें शंख बजाने से छुटकारा मिल सकता है। हर रोज शंख बजाने वाले लोगों को *गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते।* इससे स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।
💢वैज्ञानिक मानते हैं कि शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहां तक जाती है, वहां तक के अनेक *बीमारियों के कीटाणु ध्वनि-स्पंदन से मूर्छित हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं।* यदि रोज शंख बजाया जाए, तो वातावरण कीटाणुओं से मुक्त हो सकता है। *बर्लिन विश्वविद्यालय ने शंखध्वनि पर अनुसंधान कर यह पाया कि इसकी तरंगें बैक्टीरिया तथा अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए उत्तम व सस्ती औषधि हैं।* रोजाना सुबह-शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है। इसीलिए सुबह-शाम शंख बजाने की परंपरा है।
💢 हड्डियों को मजबूत करता है शंख। इसमे *कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस* काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यह तत्व हड्डियों को मजबूत करने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसलिए शंख में रखें पानी का सेवन करें। इससे दांतो को भी फायदा मिलता है।
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