सत्य
जब तक सच जूते पहन रहा होता है
तब तक
एक झूठ आधी दुनिया का सफ़र तय कर सकता है ।
सच को तमीज नहीं बात करने की,
झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है ।
झूठ इसलिए बिक जाता है कि,
क्योंकि;
सच को खरीदने की सबकी औकात नहीं होती है ।
सत्य की भूख सभी को लगती है,
लेकिन जब सत्य परोसा जाता है,
तो बहुत कम लोगों को;
इसका स्वाद अच्छा लगता है ।
सत्य की राह पर चलने का सबसे बड़ा मजा
ये होता है कि आपको भीड़ नही मिलती।
इसलिए आनंद लीजिये शांतिपूर्ण मार्ग का
क्योंकि इस राह पर कोई ट्राफिक नही।
दुनिया के हर इंसान को;
नफरत है झूठ से,
मैं परेशान हूँ ये सोच कर;
फिर ये झूठ बोलता कौन है ।
झूठ बोलना पहली बार
आसान हो सकता है, पर बाद में परेशानी देता है,
सच बोलना पहली बार कठिन होता है;
पर बाद में सुकून और आराम देता है ।
स्वयं का बचाव करने के लिए
कभी भी दूसरों पर दोषारोपण मत करो
क्योंकि समय के पास
सत्य को प्रकट करने का अपना तरीका है..!!
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें