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हिजाब के सम्बन्ध में

*एक दर्द पैदा करती पोस्ट- हमें बदलना होगा पीढ़ियों के लिये तुरंत* 😔🤔 एक *मुस्लिम महिला की कलम से*...... (हिजाब के सम्बन्ध में) *भगवा धोती तिलक कौन रोक रहा है सर*? *आप ही लोग तो पीछा छुड़ाएं बैठे है इन चीजों से ! मुस्लिमों ने अपनी जड़ें न कल छोड़ी थीं न आज छोड़ने को राजी हैं*! *आप लोगों को तो खुद कुछ साल पहले तिलक, भगवा, शिखा, से शर्म आती थी, आप ही लोगों ने आधुनिकता के नाम पर सब कुछ त्याग दिया*! *आप नहीं त्यागते तो स्कूल में धोती कुर्ता पहनना नॉर्मल माना जाता!* *बीएचयू में डिग्री लेते वक्त बच्चों का भारतीय पारंपरिक पोशाक पहनना खबर बनता है, जबकि यह तो नॉर्मल होना चाहिए था न ?* *खबर तो यह होती न कि हिंदू छात्रों ने गाउन पहन कर डिग्री ली*! *आपने खुद अपनी संस्कृति, अपने रीति रिवाज अपनी जड़ों को पिछड़ेपन के नाम पर त्यागा है*! *आज इतने साल बाद आप लोगों की नींद खुली है तो आप लोगो को उनकी जड़ों की तरफ लौटने के लिए कहते फिरते हैं*! *अपनी नाकामी, अपनी लापरवाही का गुस्सा हमारी जड़ों को काट कर क्यों निकालना चाहते हैं आप?* *आप के बच्चे कॉन्वेंट से पढ़ने के बाद पोएम सुनाते थे तो आपका सर ऊंचा होता ...

बाबा तिलका मांझी के जयंती पर उन्हे शत् शत् नमन् एवं हुल जोहारतिलका माँझी उर्फ जबरा पहाड़िया (11 फ़रवरी 1750-13 जनवरी 1785)

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बाबा तिलका मांझी के जयंती पर उन्हे शत् शत् नमन् एवं हुल जोहार तिलका माँझी उर्फ जबरा पहाड़िया (11 फ़रवरी 1750-13 जनवरी 1785) भारत के आदिविद्रोही हैं। दुनिया का पहला आदिविद्रोही रोम के पुरखा आदिवासी लड़ाका स्पार्टाकस को माना जाता है। भारत के औपनिवेशिक युद्धों के इतिहास में जबकि पहला आदिविद्रोही होने का श्रेय पहाड़िया आदिम आदिवासी समुदाय के लड़ाकों को जाता हैं जिन्होंने राजमहल, झारखंड की पहाड़ियों पर ब्रितानी हुकूमत से लोहा लिया। इन पहाड़िया लड़ाकों में सबसे लोकप्रिय आदिविद्रोही जबरा या जौराह पहाड़िया उर्फ तिलका मांझी हैं।                               आदिवासी वीर तिलका माझी का परिचय जबरा पहाड़िया (तिलका मांझी) भारत में ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देने वाले पहाड़िया समुदाय के वीर आदिवासी थे। सिंगारसी पहाड़, पाकुड़ के जबरा पहाड़िया उर्फ तिलका मांझी के बारे में कहा जाता है कि उनका जन्म 11 फ़रवरी 1750 ई. में हुआ था। 1771 से 1784 तक उन्होंने ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध लंबी और कभी न समर्पण करने वाली लड़ाई लड़ी और स्थानीय ...

पेसा, 1996

पेसा, 1996 पंचायतों के प्रावधान (विस्तार) अनुसूचित क्षेत्र) अधिनियम, 1996 1996 की संख्या 40 (24 दिसंबर, 1996) संविधान के भाग IX के प्रावधानों के विस्तार का उपबंध करने वाला अधिनियम पंचायतों से अनुसूचित क्षेत्रों के संबंध में। भारत गणराज्य के सैंतालीसवें वर्ष में संसद द्वारा यह अधिनियमित हो इस प्रकार है:- लघु शीर्षक 1. इस अधिनियम को पंचायतों के प्रावधान कहा जा सकता है अनुसूचित क्षेत्र) अधिनियम, 1996  परिभाषा  2. इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, "अनुसूचित क्षेत्र" का अर्थ है अनुसूचित संविधान के अनुच्छेद 244 के खंड (1) में निर्दिष्ट क्षेत्र। संविधान के भाग IX का विस्तार 3. पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX का प्रावधान एतद्द्वारा: इस तरह के अपवादों और संशोधनों के अधीन अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तारित धारा 4 में प्रदान किया गया। संविधान के भाग IX के अपवाद और संशोधन 4. संविधान के भाग IX के अंतर्गत किसी बात के होते हुए भी, किसी राज्य का विधानमंडल उस भाग के अधीन कोई ऐसा कानून नहीं बनाएगा जो से असंगत हो निम्नलिखित में से कोई भी विशेषता, अर्थात्: - (ए) पंचायत...

सेवा इंटरनेशनल के सहयोग से राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ चला रहा मिशन निरामय

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सेवा इंटरनेशनल के सहयोग से राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ चला रहा मिशन निरामय - राष्‍ट्रीय स्वयं संघ , मण्‍डला के सेवा विभाग द्वारा सेवा इंटरनेशनल के सहयोग से मिशन निरामयः चलाया जा रहा है, जिसमें मण्डला विभाग के सभी सेवा बस्ती में कोरोना से बचाव हेतु कोरोना किट वितरण किया गया इसी तारतम्य में मण्डला नगर के सभी 12 बस्तियों में आरोग्य प्रेरक के साथ 5 आरोग्य मित्र बनाये गए है जिन्हें आज दिनांक 30 जनवरी 2022 को बैठक के दौरान माननीय नगर संघचालक श्रीमान रामेश्‍वर अग्रवाल,नगर सेवा प्रमुख  डॉ0 ओमकार रजक , द्वारा किट वितरित कर उन्हें किट संबंधी मार्गदर्शन दिया गया। इस कार्यक्रम मे शामिल श्री दीपचन्‍द नन्‍दा, नगर कार्यवाह मण्‍डला, श्री विनोद श्रीवास नगर कुटुम्‍ब प्रबोधन संयोजक, श्री विनोद अग्रवाल सामाजिक समरसता प्रमुख, श्री साजिश यादव, नगर सम्‍पर्क प्रमुख