संदेश

अप्रैल, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

kanci

चित्र
# खस एक बारहमासी कम  सिंचित जमीन  पर  उगने वाली  घास है । प्राचीन  काल  में बंजर  भूमि  और   खेतों  की  मेंड़  और  बंधों  मे  लगायी  जाती  थी।  एक बार  लगा  देने  के बाद  सालों साल उगती  रहती  थी। जिसकी अब खेती इत्र में इस्तेमाल होने वाले व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण आवश्यक तेल के उत्पादन के लिए की जाती है। खस में सुगंधित  तेल इसकी जडों  में  होता है।  ऊपर  की  हरी  घास  सूख जाने पर जमीन अंदर  जड़ें  सुरक्षित  रहती  है।  इन्ही  से  आसवन  विधि से  सुगंधित  तेल  निकाला  जाता  है।  खस में ठंडक देने वाले गुण होते हैं और इसका उपयोग गर्मियों के दौरान शर्बत या स्वादिष्ट पेय तैयार करने के लिए किया जाता है। यह जड़ी बूटी ओमेगा फैटी एसिड, विटामिन, प्रोटीन, खनिज और आहार फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। आयुर्वेद में ये माना जाता है कि शरीर में पित्त की मात्रा अधिक हो जाने क...
चित्र
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा  मनाई गई बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती दिनांक 14 अप्रेल 2025  मंडला। जिले के बस स्टैंड स्थित समर्पण भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मंडला द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती बड़े ही श्रद्धा और गरिमा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन करते हुए हुई। इसके पश्चात मंच पर उपस्थित अतिथियों एवं वक्ताओं द्वारा उनके विचारों, सामाजिक योगदान और संविधान निर्माण में निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डाला गया। मंच पर मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला मंडला के माननीय जिला संघचालक  श्रीमान हीरानंद चन्द्रवंशी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री शरद मेश्राम, मंडला जिला अस्पताल  में कार्यरत, संभागीय अध्यक्ष स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने की। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में श्री राजेश मंडाले, अजाक्स संघ के जिला अध्यक्ष एवं बुद्धिष्ट सोसाइटी मंडला के अध्यक्ष शामिल हुए। मंच संचालन एवं आभार प्रदर्शन श्री दीपचंद नंदा, जिला प्रचार प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मंडला...

RSS की स्थापना भारत की आजादी से पहले 1925 में हुई देश में हिन्दू तब भी थे

चित्र
RSS की स्थापना भारत की आजादी से पहले 1925 में हुई देश में हिन्दू तब भी थे लेकिन वो RSS के साथ नहीं, महात्मा गाँधी के साथ चले।इस साथ के बदले गाँधी ने हिंदुओं की जमीन काट कर मुसलमानों को दे दी, वो जमीन जो हज़ारों साल से हिंदुओं की थी।क्षणिक आवेश के बाद शांत हुआ देश का हिन्दू तब भी गोडसे के साथ नहीं गया, नेहरू के साथ गया। चार दशक बाद,1980 में भाजपा बनी लेकिन देश का हिन्दू तब भी भाजपा के साथ नही था, इंदिरा के साथ था, राजीव के साथ था। तब संसद भवन/ राष्ट्रपति भवन में रोजा इफ्तार  होता था,हिन्दू ने कोई ऐतराज नहीं किया।हिन्दू तो अपने घर में माता को चूनर चढ़ा कर खुश था। हज के लिए सब्सिडी दी जा रही थी, हिन्दू तब अमरनाथ वैष्णो देवी की यात्रा में आतंकियों की गोली खा कर भी खुश था।ट्रेनों में, पार्कों में, बसों में, सड़कों को घेर कर नमाज होती थी। बेचारा हिन्दू खुद को बचा के कच्ची पगडंडी से घर-ऑफिस निकल जाता था।  ( दिल्ली में CAA,NRC के विरोध में महीनों धरना चला, हिन्दू १५-२० किमी चक्कर लगाकर घर आफिस जाता था लेकिन फ्री के चक्कर में केजरीवाल को जिताया। भीषण  दंगों का दंश झेला पूरे देश मे व...