जीवन का लक्ष्य
जीवन का लक्ष्य प्राचीन काल से हिन्दुस्तान, सनातन संस्कृति एवं सभ्यता का केन्द्र बिन्दु रहा है। हिन्दुस्तान धर्म, अध्यात्म, योगा, षिक्षा, संस्कार, एवं मानव मूल्यों के विकास का केन्द्र रहा है। आज दुनिया के शक्तिषाली एवं विकसित देशों में जहॉ विकास चरम पर है, और आगे विज्ञान के क्षेत्र में विकास को कुछ भी नही रह गया है, तब वहॉ की सरकार ने तुलनात्मक अध्ययन मे पाया कि सदियों पहले हिन्दुस्तान इससे भी अधिक विकसित था। जैसे-दुनिया के सबसे तेज चलने वाले विमान की गति से भी तेज उस समय रावण का पुष्पक विमान चलता था, जो मन की गति से चलता था। आज के घातक से घातक मिसाईलों से भी ज्यादा शक्तिषाली एवं घातक तत्कालीन बाण थे। आज के परमाणु बम एवं अणुबम से...