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जीवन का लक्ष्य

जीवन का लक्ष्य प्राचीन काल से हिन्दुस्तान, सनातन संस्कृति एवं सभ्यता का केन्द्र बिन्दु रहा है। हिन्दुस्तान धर्म, अध्यात्म, योगा, षिक्षा, संस्कार, एवं मानव मूल्यों के विकास का केन्द्र रहा है। आज दुनिया के शक्तिषाली एवं विकसित देशों में जहॉ विकास चरम पर है, और आगे विज्ञान के क्षेत्र में विकास को कुछ भी नही रह गया है, तब वहॉ की सरकार ने तुलनात्मक अध्ययन मे पाया कि सदियों पहले हिन्दुस्तान इससे भी अधिक विकसित था। जैसे-दुनिया के सबसे तेज चलने वाले विमान की गति से भी तेज उस समय रावण का पुष्पक विमान चलता था, जो मन की गति से चलता था। आज के घातक से घातक मिसाईलों से भी ज्यादा शक्तिषाली एवं घातक तत्कालीन बाण थे। आज के परमाणु बम एवं अणुबम से...

जन कल्याण

जन कल्याण दुनिया के समस्त लोगों को सद्ज्ञान प्रदान कर उन्हें मुक्ति एवं मोक्ष के मार्ग पर चलने के लिये प्रेरित करना । इस लोक में सफल जीवन जीने की कला का ज्ञान प्राप्त कर उस लोक (परमात्मा) के लिए भी ऊर्जा का संग्रह करें एवं परमधाम को प्राप्त करें। इसके लिए सर्व धर्म की स्थापना कर मानव मूल्यों के विकास हेतु दुनियॉ में व्याप्त समस्त बुराईयों को समाप्त करना, मानव मस्तिष्क के समस्त विकारों को समाप्त करना, नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक सोच व ऊर्जा लाना, प्रकृति (पर्यावरण) को विकार (प्रदूषण) मुक्त करना तथा प्रत्येक मानव का सर्वांगीण विकास करना । जब दुनिया के प्रत्येक मानव अपने आप को पहचानेंगे, सत्य एवं ईष्वर के राह पर चलेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब इस कलयुग में ही अपने आ...

आध्यात्मिक परिचय

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http://yogaforsoul.com/Index.aspx आध्यात्मिक परिचय सनातन संस्कृति एवं सभ्यता की धरोहर हिन्दुस्तान, जिसके हृदय मध्यप्रदेश के जिला कटनी अंतर्गत तहसील बड़वारा में कटनी-शहडोल राष्ट्रीय राजमार्ग 78 में स्थित सेवा संस्थान लखाखेरा आश्रम। अध्यात्मिक तथा अलौकिक शक्तियों का केन्द्र यह तपोभूमि, जिसका प्राचीन इतिहास अनादि काल से भी पुराना है। यहॉ पहुचने मात्र से ही व्यक्ति के विचार सकारात्मक हो जाते हैं, मनः स्थिति परिवर्तित हो जाती है तथा वह सभी तनावों से मुक्त हो जाता है। इस सेवा संस्थान के संस्थापक ''महायोगी हरि ओम दास जी'' अलौकिक तथा पारलौकिक शक्तियों के स्वामी हैं। आपको ईश्वरीय साक्षात्कार हुआ, शक्तिपात हुआ। दिव्य शक्तियॉ तथा दिव्य ज्ञान की प्राप्ति इसी पावन भूमि में हुई । आपका ज्ञान एवं अध्यात्म वहॉ से शुरू होता है, जहॉ से इंसान एवं विज्ञान की सोच समाप्त होत...

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दीदी उषा रामायणी जी Chennel

महायोगी हरिओम दास जी महाराज Chennel

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सबसे सुखी इंसान कौन है ?