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भगत सिंह

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आज का दिन विशेष 🚩🚩जन्मदिवस🚩🚩=शहीदे आजम सरदार भगतसिंह (27/28.09.1907) सरदार भगत सिंह का जन्म-27/28सितंबर1907 में बावली गांव-लायनपुर -पंजाब में हुआ (जो अब पाकिस्तान में है) पिता-क्रातिकारी-किशनसिंह जी और मां-विद्यावति कौर थी।* भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे।इन्होने केन्द्रीय असेम्बली की बैठक में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया।और जिसके फलस्वरूप भगत सिंह को 23 मार्च 1931) को इनके साथियों,राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फांसी पर लटका दिया गया।सारे देश ने उनकी शहादत को बहुत बहुत याद किया।  भगत सिंह करीब-12वर्ष के थे जब जालियावाला बाग हत्याकांड हुआ था.इसकी सूचना मिलते ही भगत सिंह अपने स्कूल से-12मील दूर पैदल चलकर जालियावाला बाग पहुंच गए।इस उम्र में भगत सिंह अपने चाचाओं की क्रांतिकारी किताबे पढ़ कर सोचते थे कि इनका रास्ता सही है कि नहीं ? गांधीजी के असहयोग आन्दोलन छिड़ने के बाद वे गांधीजी के तरीकों और हिंसक आन्दोलन में से अपने लिए रास्ता चुनने लगे।अंततः उन्होंने ‘"इंकलाब के लिए ग़र जरूरी हो तो हिंसा’"को अपनानाअनुचित नहीं है।उसे उचित समझा उन्होंने कई जुलूसों में भाग लेना चालू...

उठो जवानो हम भारत के स्वाभी मान सरताज़ है

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उठो जवानो हम भारत के स्वाभी मान सरताज़ है अभिमन्यु के रथ का पहिया, चक्रव्यूह की मार है चमके कि ज्यों दिनकर चमका है उठे कि ज्यो तूफान उठे चले चाल मस्ताने गज सी हँसे कि विपदा भाग उठे हम भारत की तरुणाई है माता की गलहार है अभिमन्यु के रथ का पहिया…. खेल कबड्डी कहकर पाले में न घुस पाये दुश्मन प्रतिद्वंदी से ताल ठोक कर कहो भाग जाओ दुश्मन मान जीजा के वीर शिवा हम राणा के अवतार है अभिमन्यु के रथ का पहिया…. गुरु पूजा में एकलव्य हम बैरागी के बाण है लव कुश की हम प्रखर साधना शकुंतला के प्राण है चन्द्रगुप्त की दिग्विजयों के हम ही खेवनहार है अभिमन्यु के रथ का पहिया…. गोरा, बदल, जयमल, पत्ता, भगत सिंह, सुखदेव, आज़ाद केशव की हम ध्येय साधना माधव बन होती आवाज़ आज नहीं तो कल भारत के हम ही पहरेदार है अभिमन्यु के रथ का पहिया…. उठो जवानो हम भारत के स्वाभी मान सरताज़ है अभिमन्यु के रथ का पहिया, चक्रव्यूह मार है…. https://youtu.be/CTm1qP5Q8UQ

विश्व गगन पर फिर से गूंजे, भारत माँ की जय जय जय l

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विश्व गगन पर फिर से गूंजे, भारत माँ की जय जय जय l बढ़ते जायें हो निर्भय, बढ़ते जायें हो निर्भय ll कालजयी है चिन्तन अपना, सभी सुखी हों एक ही सपना जगती है परिवार हमारा, जगती है परिवार हमारा, चमके अपना शीलविनय ll बढ़ते जायें हो...... अपनी शक्ति को प्रकटाये, स्नेहामृत पल-पल छलकाएं भेद अभावो को हरना है, भेद अभावो को हरना है, मंगल में नव अरुणोदय ।। बढ़ते जाये हो निर्भय..... सृष्टि की समझे रचनाएं, सम्यक विकास पथ अपनाएं वायु जल भूमि तत्वों को, वायु जल भूमि l को, सदा रखेंगे तेजोमय ।। बढ़ते जाये..... जीवनवृत्त यह चले अखंडित, तन मन धन सर्वस्य समर्पित जगतगुरु सिंहासन सोहे, जगतगुरु सिंहासन सोहे, गौरव महिमा हो अक्षय ।। बढ़ते जाये..... विश्व गगन पर फिर से गूंजे, भारत माता की जय जय जय। बढ़ते जाये हो निर्भय, बढ़ते जाये हो निर्भय. भारत माता की जय

कर्मो का लेख*

🕉️ *कर्मो का लेख* *बेटा बन कर,बेटी बनकर, दामाद बनकर,और बहु बनकर कौन आता है ?* *जिसका तुम्हारे साथ कर्मों का लेना देना होता है। लेना देना नहीं होगा तो नहीं आयेगा।* *एक फौजी था। उसके मां बाप नहीं थे। शादी नहीं की, ,भाई नहीं, बहन नहीं, अकेला ही कमा कमा के फौज में जमा करता जा रहा था।* *थोड़े दिन में एक सेठ जी जो फौज में माल सप्लाई करते थे उनसे उनका परिचय हो गया और दोस्ती हो गई ।* *सेठ जी ने कहा जो तुम्हारे पास पैसा है वो उतने के उतने ही पड़ा हैं ।तुम मुझे दे दो मैं कारोबार में लगा दूं तो पैसे से पैसा बढ़ जायेगा इसलिए तुम मुझे दे दो।* *फौजी ने सेठ जी को पैसा दे दिया। सेठ जी ने कारोबार में लगा दिया। कारोबार उनका चमक गया, खूब कमाई होने लगी कारोबार बढ़ गया। थोड़े ही दिन में लड़ाई छिड़ गई।* *लड़ाई में फौजी घोड़ी पर चढ़कर लड़ने गया। घोड़ी इतनी बदतमीज थी कि जितनी ज़ोर- ज़ोर से लगाम खींचे उतनी ही तेज़ भागे।* *खीेंचते खींचते उसके गल्फर तक कट गये लेकिन वो दौड़कर दुश्मनों के गोल घेरे में जाकर खड़ी हो गई। दुश्मनों के साथ संघर्ष में जवान शहीद हो गया* *घोड़ी भी मर गई।* *अब सेठ जी को मालूम हुआ कि फौजी नही रहा, तो स...

संगठन क्यो जरूरी है

*एक आदमी था, जो हमेशा अपने संगठन में सक्रिय रहता था, उसको सभी जानते थे ,बड़ा मान सम्मान मिलता था; अचानक किसी कारण वश वह निष्क्रीय रहने लगा , मिलना - जुलना बंद कर दिया और संगठन से दूर हो गया।* *कुछ सप्ताह पश्चात् एक बहुत ही ठंडी रात में उस संगठन के मुखिया ने उससे मिलने का फैसला किया । मुखिया उस आदमी के घर गया और पाया कि आदमी घर पर अकेला ही था। एक बोरसी में जलती हुई लकड़ियों की लौ के सामने बैठा आराम से आग ताप रहा था। उस आदमी ने आगंतुक मुखिया का बड़ी खामोशी से स्वागत किया।* *दोनों चुपचाप बैठे रहे। केवल आग की लपटों को ऊपर तक उठते हुए ही देखते रहे। कुछ देर के बाद मुखिया ने बिना कुछ बोले, उन अंगारों में से एक लकड़ी जिसमें लौ उठ रही थी (जल रही थी) उसे उठाकर किनारे पर रख दिया। और फिर से शांत बैठ गया।* *मेजबान हर चीज़ पर ध्यान दे रहा था। लंबे समय से अकेला होने के कारण मन ही मन आनंदित भी हो रहा था कि वह आज अपने संगठन के मुखिया के साथ है। लेकिन उसने देखा कि अलग की हुई लकड़ी की आग की लौ धीरे धीरे कम हो रही है। कुछ देर में आग बिल्कुल बुझ गई। उसमें कोई ताप नहीं बचा। उस लकड़ी से...

मैं स्वयंसेवक मुझे न चाह है जयगान की ।

मैं स्वयंसेवक मुझे न चाह है जयगान की । मैं स्वयंसेवक मुझे परवाह न यशगान की । मैं पूजा का पुष्प हू आराध्य माता भारती । मैं स्वयंसेवक मुझे न चाह है जयगान की ॥ परम मंगलवत्सला माँ, गोद मे जिसकी पला मैं-2 जिस धरा के अन्न-जल, से नित्यप्रतिपल हूं बढ़ा मैं । प्राणदीप से मैं उतारू-2 उस धरा की आरती ...। । मैं स्वयंसेवक मुझे ...॥ धर्मपथ पे मैं चला हूं , अटल यह विश्वास मेरा -2 सुजन रक्षण असुर मर्दन श्रेष्ठ जीवन कार्य मेरा । धर्म हित महायुद्ध को हे-2 माँ मुझे ललकारती । । मैं स्वयंसेवक मुझे ....॥ अग्निपथ पर मैं चला हूं, छोड़ सुखमय मार्ग जग का-2 कण्टको से पूर्ण पथ पर नित्य हे स्वीकार चलना श्रेष्ठतम बलिदान की-2 हे मातृभू अधिकारी । मैं स्वयंसेवक मुझे ....॥ ना रहे कुछ भिन्नता अब बन सकूं मैं अंश तेरा-2 बिंदुबनकर संघसरिता कर सकूं अभिषेक तेरा । तव चरण पर वन्दना-2 स्वीकार हे माँ भारती । । मैं स्वयंसेवक मुझे न चाह है जयगान की । मैं स्वयंसेवक मुझे परवाह ना यशगान की । मैं पूजा का पुष्प हूं, आराध्य माता भारती । मैं स्वयंसेवक मुझे ....॥

*ई-श्रम में पंजीकरण अवश्य कराये*

आवश्यक सूचना  *ई-श्रम में पंजीकरण अवश्य कराये* **ई-श्रमिक कार्डधारी परिवार  को लाभ:-* 1. प्रसूति सहायता योजना में  1400रू. ग्रामीण तथा 1000रू. शहरी क्षेत्र में भरणपोषण सहायता  2. विवाह सहायता योजना में  25000रू. की सहायता  3. चिकित्सा/दवाईओ में सहायता  4. शिक्षा सहायता/प्रोत्साहन योजना  5. मेधावी छात्र/छात्राओ को नगद पुरस्कार  आदि विभिन्न योजनाओं का लाभ  ई-श्रम में पंजीकरण कराने के लिए आवश्यक बातें : - *“श्रम और रोजगार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा असंगठित कामगारों को इस स्कीम में लाभ दिया जायेगा। सीएससी डिजिटल सेवा पोर्टल पर असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण की सुविधा है। प्रत्येक लाभार्थियों को पहचान पत्र जारी किया जाएगा जो एक विशिष्ट पहचान संख्या (UAN Number) होगा। असंगठित श्रमिकों को लाभ NDUW के तहत पंजीकृत श्रमिको को पीएम सुरक्षा बीमा योजना 1 साल के लिए मुफ्त दिया जाएगा।"* 1️⃣ *ई-श्रम मे लाभार्थी का पंजीकरण सिर्फ ई-केवाईसी (OTP, FINGERPRINT & IRIS) के माध्यम से ही किया जाएगा | एक मोबाइल नंबर को चार बार ही आप पंजीकरण में प्रयोग कर सकते है...

संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढे चलो।

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*वन्दे मातरम्🚩* संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढे चलो। भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो।। युग के साथ मिल के सब , कदम बढ़ाना सिख लो , एकता के स्वर में गीत , गुनगुनाना सिख लो , भूल का भी मुख से जाति , पंथ की न बात हो भाषा प्रांत के लिए , कभी न रक्त – पात हो , फुट का घड़ा भरा है , फोड़ कर बढे चलो। भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो। संगठन गढ़े चलो , सुपंथ पर बढे चलो। भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो।। आ रही है आज चारों ओर से यही पुकार हम करेंगे त्याग मातृभूमि के लिए अपार कष्ट जो मिलेगे , मुस्कुरा के सब सहेंगे हम देश के लिए सदा , जियेंगे और मरेंगे हम देश का ही भाग्य , अपना भाग्य है ये सोच लो। भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो। संगठन गढ़े चलो , सुपंथ पर बढे चलो। भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो।। ।। भारत माता की जय।।

इकोफ़्रेंडली गणेश जी

इकोफ़्रेंडली गणेश जी

कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से क्या क्या लाभ और हानि होती है।

कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से क्या क्या लाभ और हानि होती है। ,🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 सोना 🔸🔹🔸 सोना एक गर्म धातु है। सोने से बने पात्र में भोजन बनाने और करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते है और साथ साथ सोना आँखों की रौशनी बढ़ता है। चाँदी 🔸🔹🔸 चाँदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है। शरीर को शांत रखती है इसके पात्र में भोजन बनाने और करने से दिमाग तेज होता है, आँखों स्वस्थ रहती है, आँखों की रौशनी बढती है और इसके अलावा पित्तदोष, कफ और वायुदोष को नियंत्रित रहता है। कांसा 🔸🔹🔸 काँसे के बर्तन में खाना खाने से बुद्धि तेज होती है, रक्त में शुद्धता आती है, रक्तपित शांत रहता है और भूख बढ़ाती है। लेकिन काँसे के बर्तन में खट्टी चीजे नहीं परोसनी चाहिए खट्टी चीजे इस धातु से क्रिया करके विषैली हो जाती है जो नुकसान देती है। कांसे के बर्तन में खाना बनाने से केवल ३ प्रतिशत ही पोषक तत्व नष्ट होते हैं। तांबा 🔸🔹🔸 तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से व्यक्ति रोग मुक्त बनता है, रक्त शुद्ध होता है, स्मरण-शक्ति अच्छ...

वामाखेपा संत

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जानें क्या है माँ तारा और बामा खेपा का रिश्ता, क्यों प्रसिद्ध है तारापीठ? पश्चिम बंगाल के एक गांव में वामा चरण नाम के बालक का जन्म हुआ. बालक के जन्म के कुछ समय बाद उसके पिता का देहांत हो गया. माता भी गरीब थी . इसलिए बच्चों के पालन पोषण की समस्या आई . उन्हें मामा के पास भेज दिया गया . मामा तारापीठ के पास के गांव में रहते थे . जैसा कि आमतौर पर अनाथ बच्चों के साथ होता है . दोनों बच्चों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार नहीं हुआ . धीरे-धीरे वामाचरण की रुचि साधु संगति की तरफ होने लगी. गांव के मशान में आने वाले बाबाओं की संगत में रहते हुए बामाचरण में भी देवी के प्रति रुझान बढ़ने लगा. अब वह तारा माई को बड़ी मां कहते और अपनी मां को छोटी मां . बामा चरण कभी श्मशान में जलती चिता के पास जाकर बैठ जाता, तो कभी यूं ही हवा में बातें करता रहता. ऐसे ही वह युवावस्था तक पहुंच गया. उसकी हरकतों की वजह से उसका नाम बामाचरण से वामा खेपा पड़ चुका था. खेपा का मतलब होता है पागल. यानी गांव वाले उसको आधा पागल समझते थे. उसके नाम के साथ उन्होंने पागल उपनाम जोड़ दिया था. वे यह नहीं जानते थे कि वस्तुत: कितनी उच्च कोटि का महामान...

सूर्य नमस्कार

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सूर्य नमस्कार के 12 मंत्र अर्थ सहित सूर्य नमस्कार के 12 मंत्र अर्थ सहित ॐ मित्राय नमः ( मित्र को प्रणाम ) ॐ रवये नमः ( प्रकाशवान को प्रणाम ) ॐ सूर्याय नमः ( क्रियाओं के प्रेरक को प्रणाम ) ॐ भानवे नमः ( प्रदीप्त होने वाले को प्रणाम ) ॐ खगाय नमः ( आकाशगामी को प्रणाम ) ॐ पूष्णे नमः ( पोषक को प्रणाम ) ॐ हिरण्यगर्भाय नमः ( स्वर्णिम् विश्वात्मा को प्रणाम ) ॐ मरीचये नमः ( सूर्य रश्मियों को प्रणाम ) ॐ आदित्याय नमः ( अदिति-सुत को प्रणाम) ॐ सवित्रे नमः ( सूर्य की उद्दीपन शक्ति को प्रणाम ) ॐ अर्काय नमः ( प्रशंसनीय को प्रणाम ) ॐ भास्कराय नमः ( आत्मज्ञान-प्रेरक को प्रणाम ) ॐ श्री सबित्रू सुर्यनारायणाय नमः सूर्य नमस्कार का महत्व एवं लाभ सूर्य नमस्कार का लाभ किन रोगों में होता है नमस्कारासन ( प्रणामासन) स्थिति में समस्त जीवन के स्त्रोत को नमन किया जाता है। सूर्य नमस्कार के विषय में शास्त्रों में एक श्लोक लिखा गया है : – आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने। आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥ जो मनुष्य सूर्य नमस्कार प्रतिदिन करते है उनकी आयु , प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता है | इस...